कल फिर न सो सका तेरी याद में,
आज फिर न जाग सका तेरी याद से,
इन अश्को ने याद किया हर पल,
एक पल भी न रुके तेरी याद में,
जागना चाहा एक पल तेरी याद से ,
सो गया अगले ही पल तेरी याद में,
छोड़ दिया है साथ अब पलकों ने,
बंद होंगी अब ये सिर्फ़ मेरी मौत पे,
सोया नही हूँ बरसो से एक पल भी मैं,
जागूँगा बरसो अब तो तेरी याद में,
Saturday, July 19, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment