Friday, July 18, 2008

इन्सान किसी से दुनियां मे, एक बार मोहब्बत करता है

इन्सान किसी से दुनियां मे, एक बार मोहब्बत करता है

इस दर्द को ले कर जीता है, इस दर्द को ले कर मरता है

प्यार किया तो डरना क्या, जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया कोई चोरी नहीं की, छूप छूप आहे भरना क्या

आज कहेंगे दिल का फसाना, जान भी ले ले चाहे जमाना

मौत वही जो दुनियां देखे, घूंट घूंट कर यू मरना क्या

उन की तमन्ना दिल में रहेगी, शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी

इश्क में जीना, इश्क में मरना, और हमे अब करना क्या

छूप ना सकेगा इश्क हमारा, चारो तरफ हैं उनका नजारा

परदा नहीं जब कोई खुदा से, बंदो से परदा करना क्या

फ़िल्म -मुगले आज़म
गायक -लता मंगेशकर

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