Saturday, July 19, 2008

सूरज की किरण मेरे चाँद से टकराई,

सूरज की किरण मेरे चाँद से टकराई,
तन बदन मे मेरे जैसे आग लग आई,

उसने ली कुछ इस तरह से अंगडाई,
फूलों से उड़ एक तितली मेरे करीब आई,

आँखें खुली नजरो से नज़रे टकराई,
थोड़ा वो शरमाई फिर मुस्कुराई,

दिल मे मेरे सैकडो छुरिया चलायी,
तड़पते रहे कमबख्त मौत भी न आई,

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