एक पल सुखी एक पल दुखी,
दो घड़ी कुछ इस तरह बीत चली,
ज़िंदगी जैसे मुझसे रूठ चली,
एक पल अपना एक पल पराया,
अपनों ने अपनों से धोखा खाया,
ज़िंदगी से अपनों से दूर चला आया,
एक पल खोया एक पल पाया,
प्यार देके कभी प्यार न पाया,
ज़िंदगी ने न जाने कितना रुलाया,
एक पल तेरा एक पल मेरा,
जो बीत गया वो क्या तेरा क्या मेरा,
ज़िंदगी बीती न हो सका कोई मेरा,
एक पल जागा एक पल सोया,
न जाने कितने सपने सजोया,
ज़िंदगी भर रहा सपनो मे खोया,
एक पल भुला एक पल याद आया,
तुझ संग बीता हर पल याद आया,
ज़िंदगी भूला मगर तुझे न भूल पाया,
Saturday, July 19, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment